सं.पु.
फा.दस्त:
1.वह जो हाथ में रहे या हाथ में आवे।
2.किसी औजार, शस्त्र आदि का वह हिस्सा जो हाथ में पकड़ा जाता है, मूठ, बेंट,
3.जग या डोगे आदि का हैंडिल,
4.(फूलों आदि का) गुच्छा, गुलदस्ता, मुट्ठा।
- उदा.--एक दिन एक आदमी फूलां रौ दस्तौ नजर लायौ सो लीन्हौ।--नी.प्र.
6.कागज के चौबीस तावों की गड्ड,
7.टंटा, फिसाद, बखेड़ा?
- उदा.--कठै ही टक बात सुणै तो तुरत आप जाय राजी कर दस्तौ मेट आवै।--कुंवरसी सांखला री वारता
8.देखो 'दस्तांनौ' (रू.भे.)