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बुद्धिबळ  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.यौ.
सं.बुद्धिबल
1.अपने बल-प्रयोग में बुद्धि या विवेक को काम में लेने की अवस्था। बुद्धि व बल के सामंजस्य की स्थिति।
  • उदा.--मुल्क लेवणौ नूं लसकर, सेवक, हसम, समांन सै चाहिजै। पण सारां सूं बुद्धिबळ नूं भलौ जांणीजै।--नी.प्र.
2.बल व बुद्धि के द्वारा किया जाने वाला प्रयत्न।
  • उदा.--लूटेहि लेत विवेक का डेरा बुद्धिबळ यदपि करूं बहुतेरा।--मीरां
3.बुद्धि का बल, ज्ञान बल।
रू.भे.
बुधबळ, बुधिबळ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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