सं.स्त्री.
सं.अंड या अष्ठि, प्रा.अट्ठि
1.उँगलियों के बीच की जगह.
2.कमर पर रहने वाली धोती की लपेट या मंडलाकार ऐंठन जिसमें कभी-कभी लोग रुपया-पैसा रखते हैं। क्रि.प्र.--देणी-मारणी-लगाणी।
- कहावत--धन अंटे विद्या कंठै--धन वही काम आयेगा जो अपनी अंटी में है तथा विद्या वही काम आयेगी जो स्वयं के कंठों में स्थित है।
4.तर्जनी या अंगूठे के पास की उँगली के ऊपर मध्यमा या बीच की उँगली चढ़ाकर बनाई गई एक मुद्रा (बालक).
5.भागते या चलते हुए पीछे से किसी के पैर में पैर द्वारा मारी गई टक्कर, लत्ती.