सं.पु.
सं.अरण्य
1.अरण्य, वन, जंगल (अ.मा.)
- उदा.--अरण आग्या करी मूझ नायक अवध, अवध वीताय नै वेग आवां।--र.रू.
2.सूर्य्य (अ.मा.)
- उदा.--किप हड़मत विना समंद कुण कूदै, अरण विना कुण गमै अंधार।--तेजसी खिड़ियौ
3.सूर्य के सारथी जो गरुड़ के ज्येष्ठ भ्राता हैं--संपाति और जटायु इनके पुत्र थे.
9.गहरा लाल रंग, कुंकुंम, सिंदूर.
10.माघ मास का सूर्य [रा.अ+सं.रण]
11.युद्ध।
- उदा.--ईस अरधंग सहत खड़ा जोबा अरण।--जवांनजी आढ़ौ
- उदा.--वेदी छै सु रतन जड़ित छै। नीला बांस छै। अरजन (अरण?) कहतां रूपा का कळसां कौ वेह छै।--वेलि.टी.
13.लोहे की बनी एक चौकोर छोटी चौकी जिस पर आग में तपाकर धातु को पीटा जाता है। वि.[सं.अरुण] लाल, सुर्ख.
- उदा.--आग झाळ चख अरण, निमख नह कोप निवारै।--आसौ बारहठ
सं.स्त्री.
12 रौप्य, चाँदी।