सं.स्त्री.
1.टहनियांदार एक गुल्म विशेष जो औषधियों में प्रयुक्त होता है (अमरत).
2.काष्ठ से उत्पन्न की जाने वाली यज्ञ की अग्नि अथवा इस अग्नि को उत्पन्न करने का काष्ठ। देखो अरणौ (2)
- उदा.--जिके वेद मूरति ब्राह्मण छै सु अरणी अगनि लगाड़ि होम करै छै।--रा.सा.सं.