वि.
सं.अलम्
व्यर्थ, निरर्थक।
- उदा.--संयम सहाय अल अंतराय।--ऊ.का.
3.वंश, गोत्र (कायस्थ).[सं.]
4.बिच्छू का डंक।
- उदा.--या बात करण गोचर पड़ताँ ही गढ़ रा सिपाह प्रामारबी अली रा अंग रौ स्परस करतां अल रा चालवा में विलंब न होय तिण रीति सुणतां ही समीप आया।--वं.भा.