वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
अंत्यानुप्रास ढूंढें
आपण
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.
1.दुकान। सं.पु.[सं.अर्पण]
2.श्रद्धा और भक्तिपूर्वक किसी को दान देना.सर्व.[सं.आत्मन] अपना, अपने।
उदा.--
गह भरियौ गजराज, मह मालै
आपण
मतै। कूकरियां बेकाज, रुगड़ भुसै किम राजिया।--कृपाराम बारहठ (खिड़िया)
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
Project
|
About Us
|
Contact Us
|
Feedback
|
Donate
|
संक्षेपाक्षर सूची