सं.स्त्री.
1.एक दूसरे को पकड़ने से संबंधित खेलों में किसी बच्चे द्वारा कुछ समय के लिए खेल से मुक्त होने का भाव अथवा इस हेतु उच्चारण किया जाने वाला शब्द। इस उच्चारण के बाद बच्चा वहीं बैठ जाता है और जब तक वापस खड़ा नहीं हो जाता उस पर खेल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
2.हठ योग के अनुसार बायें अंग की ओर मानी हुई एक नाड़ी--इड़ा। (ह.पु.वा.)