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करार
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.
1.कौल, इकरार, वादा।
उदा.--
तद रावजी कयौ--हूं जोधपुर जाय पूजनीक चीजां मेल देसूं। पाछे पूजनीक चीजां रौ
करार
कर रावजी जोधपुर पधारिया।--द.दा.
2.नदी का किनारा.
3.ताकत।
उदा.--
करि मन धीर
करार,
विलवै कांइ विरही थयौ सयणे न लही सार, जावण दै परहा जसा।--जसराज
4.धैर्य।
उदा.--
नैण भर्या जावै नहीं, तज्यौ न जाय
करार
। दोय पुरुस री प्रीत रै, एकण ऊपर भार।--अज्ञात
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
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