सं.पु.
गीली मिट्टी, पंक, कीची, दल-दल (अल्पा.'कीचड़ौ')
- उदा.--चांपज्यौ मती वांरा चरण, कांप-कांप रौ कीचड़ौ। फांफ री दे'र मुख फेरज्यौ, खांप खांप रौ खीचड़ौ।--ऊ.का.
- मुहावरा--कीचड़ में पड़णौ, कीचड़ में फसणौ--दुःख में पड़ना, गंदे मनुष्यों के व्यवहार में फँसना।
पर्याय.--करदम, कादौ, गारौ, चीखलौ, चीखिल्लक, जंबाळ, पंक।