सं.पु.
सं.
1.अनाज आदि की राशि या ढेरी.
3.लकड़ी के म्यान में छिपा हुआ हथियार.
4.छल, फरेब, कपट (ह.नां., डिं.को.)
5.अगस्त्य मुनि का एक नाम.
9.वह हास्य या व्यंग्य जिसका अर्थ गूढ़ हो.
11.नकल, चिढ़ाने का भाव।
- उदा.--लोह चणां रै चाबणै दांत बिहूणा थाय। इण घर भोळा आवणौ, जम री कूट कढ़ाय।--वी.स.
12.किनारा, छोर (रू.भे.'कूंट')
13.शिखर।
- उदा.--कट्या घण सज्जळ छज्जळ कांन, सिर गिर कज्जळ कूट समांन।--मे.म.
14.ऊँट के पैर का बंधन (रू.भे.'कूंट')
- उदा.--चारण ढोलइ नूं कहइ, किस गुण आया राज। ऊपर थे बिन्हे चढ़्या, करह कूट किण काज।--ढो.मा.
16.वृक्ष (अ.मा.) सं.स्त्री.--
18.काटने-कूटने या पीटने आदि की क्रिया.
3.कुटिल, दुष्ट।
- उदा.--रूठ असी दै रेस, ऊठ महाभड़ ऊठ अब। कूट गहै छै केस, दूठ व्रकोदर देख रे।--रांमनाथ कवियौ