HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

कूट  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.
1.अनाज आदि की राशि या ढेरी.
2.हथौड़ा.
3.लकड़ी के म्यान में छिपा हुआ हथियार.
4.छल, फरेब, कपट (ह.नां., डिं.को.)
5.अगस्त्य मुनि का एक नाम.
6.गुप्त वैर.
7.नगर का द्वार.
8.गुप्त रहस्य.
9.वह हास्य या व्यंग्य जिसका अर्थ गूढ़ हो.
10.आँखों के ऊपर का भाग.
11.नकल, चिढ़ाने का भाव।
  • उदा.--लोह चणां रै चाबणै दांत बिहूणा थाय। इण घर भोळा आवणौ, जम री कूट कढ़ाय।--वी.स.
12.किनारा, छोर (रू.भे.'कूंट')
13.शिखर।
  • उदा.--कट्‌या घण सज्जळ छज्जळ कांन, सिर गिर कज्जळ कूट समांन।--मे.म.
14.ऊँट के पैर का बंधन (रू.भे.'कूंट')
  • उदा.--चारण ढोलइ नूं कहइ, किस गुण आया राज। ऊपर थे बिन्हे चढ़्‌या, करह कूट किण काज।--ढो.मा.
15.पहाड़ (नां.मा.)
यौ.
हेमकूट, चित्रकूट।
16.वृक्ष (अ.मा.) सं.स्त्री.--
17.कूट नाम की औषधि।
18.काटने-कूटने या पीटने आदि की क्रिया.
19.कुटी, झोंपड़ी। वि.--
1.झूठा छलिया, कपटी.
2.कृत्रिम, बनावटी, नकली.
3.कुटिल, दुष्ट।
  • उदा.--रूठ असी दै रेस, ऊठ महाभड़ ऊठ अब। कूट गहै छै केस, दूठ व्रकोदर देख रे।--रांमनाथ कवियौ


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची