सं.पु.
सं.
1.फूलों के अन्दर बीचोबीच बाल की तरह पतले-पतले सींके या सूत.[सं.]
2.ठंडे देशों में होने वाला एक पौधा जिसका केसर स्थायी सुगंध के लिए प्रसिद्ध है, जाफरान। पर्याय.--कसमीरज, काळेक, काळेयक, कुंकम, कुंकुम, कुंकुमकाय, कूंकूं, केसर, गुड़वरण, गुड़वरणी, चंदण, दीपक, देववलभा, देववल्लभ, धीर, पिसुण, पीत, बाहलीक, मंगळकरण, मंगळकरणी, रकत, रगत, लोहत, लोहित, वन्हिसिख, वाहलीकजा, संकज, संकोच, सुगन्ध।
3.घोड़े, सिंह आदि जानवरों के गर्दन पर के बाल, अयाल.
8.देववृक्ष (अ.मा.) वि.--लाल, रक्तवर्ण* (डिं.को.)