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खिचड़ी
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.कृसर
चावल व मूंग की दाल का मिश्रित हलका भोजन। क्रि.प्र.--करणी, खाणी, पकाणी, रांधणी, सीजणी।
मुहावरा--
1.खिचड़ी पकाणी--गुप्त भाव से सलाह करना.
मुहावरा--
2.ढाई चावळ री खिचड़ी रांधणी--सामान्य सम्मति के विरुद्ध अपने मत से कोई कार्य करना।
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
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