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गजब  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.गज़ब
1.कोप, रोष, गुस्सा। क्रि.प्र.--करणौ, होणौ।
2.आपत्ति, आफत, आपद, दैवी प्रकोप आदि।
  • उदा.--1..जवन सफी खां झूठ रौ, फळ पायौ तीं वार। गजब जिसौ सुरतांण रौ, फुरमांण रौ विचार।--रा.रू.
  • उदा.--2..क्रोध अर गजब रै समय प्रक्रति रै वस नहीं होवणौ।--नी.प्र.
3.अनर्थ, अन्याय, जुल्म। क्रि.प्र.--करणौ, ढाणौ, होणौ।
4.विलक्षण बात, विचित्र बात.
5.आश्चर्य।
  • उदा.--ऊंट टाट खावै न आ, अपणौ जांण अभाग। अपणौ जांण अभाग गजब न खाय गधेड़ौ।--ऊ.का.
  • उदा.--गजब रीस रै समय यूं योग्य छै जे आग्या नहीं करणी चुप रहणौ। उण कांम रौ अंत अक्ल में ही विचारणौ।--नी.प्र.
2.बहुत बड़ा, भयंकर.
3.अद्‌भुत, विलक्षण।
वि.
अत्यंत, अधिक।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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