सं.पु.
सं.गोक्षुर
1.वर्षा ऋतु में पनपने वाला एक पौधा जिसमें चने के फल के आकार के कड़े और कँटीले फल लगते हैं। ये फल औषध के काम में लिए जाते हैं और वैद्यक में इन्हें शीतल, मधुर, पुष्ट, रसायन, वायु, अर्श और व्रणनाशक कहा है.
2.गोखरू फल के आकार के बने धातु के कँटीले टुकड़े जो हाथियों को पकड़ने के लिए उनके रास्ते में फैला दिए जाते हैं.
3.स्त्रियों की कलाई का एक आभूषण जो कड़े के आकार का होता है।