HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

गोड़  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.समूह, झुंड।
  • उदा.--गाजिया नगारा गयण गाज, भूमी एवासी गया भाज। गैमरां हैमरां थीय गोड़, तरवरां झंगरां दीह तोड़।--विड़द सिंणगार
2.नाश, संहार.
3.देखो 'गौड़' (रू.भे.) सं.स्त्री.--
4.ललकार, वीरहाक.
5.नदी में वेगपूर्ण प्रवाह की आवाज या ध्वनि.
6.मस्ती की अवस्था में हाथी द्वारा की जाने वाली ध्वनि।
  • उदा.--पैदल हैदल पूर सदाई संग चडै, नित नौबत नीसांण गढ़ां सिर गड़गड़ै। गोड़ करै गजराज खंभां नित खोलणा, एता दै किरतार फेर नहिं बोलणा।--अज्ञात


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची