सं.पु.
1.वह व्यक्ति जो अपने विवाह के बाद स्थायी रूप से ससुराल में ससुर का आश्रित बन कर रहे अथवा ससुर द्वारा दिये गये साधनों से अपने परिवार का निर्वाह करे.
2.वह व्यक्ति जो विवाह के पहले अपने भावी ससुर के यहाँ किसी निश्चित समय तक के लिये रह कर मजदूरी या कार्य करता है। उस निश्चित समय के बाद ही विवाह होता है, एवं कहीं भी रहने के लिये स्वतंत्र होता है।