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घर जमाई  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.वह व्यक्ति जो अपने विवाह के बाद स्थायी रूप से ससुराल में ससुर का आश्रित बन कर रहे अथवा ससुर द्वारा दिये गये साधनों से अपने परिवार का निर्वाह करे.
2.वह व्यक्ति जो विवाह के पहले अपने भावी ससुर के यहाँ किसी निश्चित समय तक के लिये रह कर मजदूरी या कार्य करता है। उस निश्चित समय के बाद ही विवाह होता है, एवं कहीं भी रहने के लिये स्वतंत्र होता है।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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