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चरस  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
1.देखो 'चड़स' (रू.भे.)
2.रीति-रिवाज।
3.आनंद, उत्साह, खुशी।
  • उदा.--महाराजा दळ मेलिया, चरस बधे चड़चोट। अधपति पय आया इता, कमंध जिता नव कोट।--रा.रू.
4.एक प्रकार का मादक पदार्थ जो चिलम के साथ प्रयोग किया जाता है। यह गांजे के पेड़ से निकलता है तथा एक प्रकार का गोंद या चेप की तरह का होता है।
5.आंख (ना.डिं.को.) वि.--श्रेष्ठ, उत्तम।
  • उदा.--चत्रभुज व्रजवासी कीध लीला चरसं।--पिं.प्र.
1.रीति अनुसार।
2.परंपरा से।
क्रि.वि.--


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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