HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

छाप  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.किसी सांचे या ठप्पे आदि को रंग से पोत कर किसी वस्तु पर दबा कर बनाया हुआ चिह्न, खुदे या उभरे हुए ठप्पे का निशान। क्रि.प्र.--मांडणी, लगाणी।
2.मुहर का चिह्न, मुद्रा। क्रि.प्र.--पड़णी, मंडणी, मांडणी, लगाणी।
3.वैष्णवों द्वारा अपने अंगों पर गर्म धातु से अंकित कराये जाने वाले शंख, चक्र आदि के चिह्न।
4.अन्न राशि पर राख का चूर्णडाल कर बनाया हुआ संकेत-चिह्न।
5.गेय गीतों में गीतकार का नाम। क्रि.प्र.--लगाणी।
6.चित्र, तसबीर। क्रि.प्र.--कोरणी, बणाणी, भरणी, मांडणी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची