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छूट  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.छूटने का भाव, छुटकारा, मुक्ति। क्रि.प्र.--दैणी, पाणी, मिळणी।
2.अवकाश, फुरसत
3.दंपत्ति का परस्पर संबंध त्याग, तलाक, विच्छेद।
यौ.
छूटपल्लौ, छूटापौ।
4.स्वतंत्रता, स्वच्छंदता, आजादी।
5.वह धन या रुपया अथवा अनाज जो महाजन या जमींदार द्वारा स्वेच्छा से आसामी के हक में छोड़ दिया जाता है। क्रि.प्र.--करणी, दैणी।
6.खुला या विस्तृत स्थान।
7.वह भूमि जो किसी कारणवश नहीं जोती गई हो।
8.वह भूमि जिसकी उर्वरा शक्ति बढ़ाने हेतु कुछ वर्षों के लिये छोड़ दी गई हो, परती।
9.किसी कार्य या उसके किसी अंग को भूल से न करने का भाव। क्रि.प्र.--रै'णी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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