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जनक  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.
1.जन्मदाता, पिता।
  • उदा.--हर रिख दस सिर विजय हित, धर निज कर सर धनक। पढ़त 'किसन' किव सरण पय, नय रघुबर जग जनक।--र.ज.प्र.
2.उत्पादक.
3.अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए प्रसिद्ध एक विख्यात पौराणिक राजा, जो राजा निमि के पुत्र थे। इन्होंने ही मिथिलापुरी बसाई। इनके कारण ही बाद के राजवंश की उपाधि जनक हो गई। इनकी सताईसवीं पीढ़ी में सीरध्वज जनक उत्पन्न हुए जिनकी कन्या सीता थी जो श्री रामचंद्र को ब्याही गई थी।
रू.भे.
जनंकेस, जनक्क, जन्नक।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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