HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

जर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.चम्मच के आकार का किन्तु चम्मच से अधिक गहरा व बड़ा छेददार छानने का एक उपकरण।
अल्पा.
जरियौ। (फा.)
2.धन, दौलत, संपत्ति।
  • उदा.--जंतर जर हरणूं अभ्यंतर जड़ियौ। पीतम प्यारी नै परहरणूं पड़ियौ।--ऊ.का.
3.वृद्धावस्था। (सं.जरायु)
4.वह झिल्ली जिसमें गर्भस्थ बालक रहता और पुष्ट होता है। आँवल। सं.पु.(सं.)
5.सोना, स्वर्ण।
  • उदा.--1..सुरख जंगाळी सांवळी, सांवळी जीकु करण जंजाळ। चौथी जर री चमकती, भळकै बिंदली भाळ।--अज्ञात
  • उदा.--2..जर तार चिगां साइवांन जास। परगटे जांण बहु रवि प्रकास।--सू.प्र.
6.लोहे का मुरचा (अलवर) (सं.ज्वर)
7.बुखार (जैन)
(सं.जरा)


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची