सं.पु.
1.वह भूमि जहां कुएं के पानी द्वारा सिंचाई की जाती हो.
2.मेहंदी।
- उदा.--निवेदन चंद धजाबंध नांम, सुणुं अब 'इंद' सकौ सगरांम। लिया खग खप्पर गेंद गुलाल, खळां घट घावक जाव पखाळ।--मे.म.
3.देखो 'जाब' (रू.भे.)
- उदा.--नै परधांनै नाळेर ल्याया सो इणने कांइ जाव देउं, सो राजा समस्त मन में वीचारियौ।--रीसालू री वात,
क्रि.वि.(सं.यावत्) जब तक (जैन)