वि.
फा.
1.परास्त, पराजित।
- उदा.--1..पांच विषय सूं इंद्रिय पांचुं जीत करौ मन जेर। मोज भरी मन वाळी माळा, फौज मुक्त री फेर।--ऊ.का.
- उदा.--2..'फतमाल' 'रूप' 'जैता' अफेर। जोधहर 'भीम' अरि करण जेर।--रा.रू.
2.जो बहुत तंग किया जाय, जो बहुत दिक किया जाय।
- उदा.--1..दगौ धारियौ 'डूंग' सूं सोवै पाकड़ै छांवणी दौळा, लोह लाट लंगरी अमाप फौजां लेर। लाखां मुखां आठां सोबा ऊपरै सोभाग लीधौ, जोम अंगी सींह नै आगरै कीधौ जेर।--डूंगजी रौ गीत
- उदा.--2..'ऊदै' 'राजड़' 'जगपती' 'जोधहरै' सिवदांन। जोधांणै अजमेर विच, कीधौ जेर जिहांन।--रा.रू.
- उदा.--1..ईत तणौ नह भीत अगंजी, मांन दुजा मन मेर। आखेटां मजबूत अडाकी, जीत किया खळ जेर।--र.रू.
- उदा.--2..मंडियौ मेर अडिग मेवाड़ौ, जुड़ै दुरंग त्रिहुँ कीधा जेर। औ जुध वैर हणू जिम आखां, सुतन सुद्रसण पाखर सेर।--रावत घासीरांम सक्तावत रौ गीत
क्रि.वि.
वश में, अधिकार में, कब्जे में।
क्रि.प्र.--करणौ। सं.स्त्री.--वह झिल्ली जिसमें गर्भ का बच्चा रहता है और पुष्ट होता है।