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जोगीस, जोगीसर, जोगीस्वर, जोगेंद्र, जोगेस, जोगेसर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.योगीश, योगीश्वर, योगेन्द्र, योगेश, योगेश्वर
महादेव, शिव।
  • उदा.--1..समरेस होम जोगेस सुत, सेव पेस कवि साधिये। गावण नरेस अभमाल' गुण, औ गणेस आराधिये।--सू.प्र.
  • उदा.--2..यूं कमधज धरै धू अंबर। ज्यूं गंगा मेलै जोगेसर।--रा.रू.
  • उदा.--3..जोगीसर नेमीसर सिव सुख विलसै सार। स्री धरमसिंह कहै ध्यांन धर्‌यां सुख है स्रीकार।--ध.व.ग्रं.
  • उदा.--4..दत उकती मत मती, जती जोगेसर। गणपती छत्ती गुणां, प्रभती जग ऊपर।--जूझारसिंह मेड़तियौ
2.योगेश्वर, श्रीकृष्ण.
3.याज्ञवल्क्य मुनि का नाम.
4.योगियों के स्वामी.
5.बहुत बड़ा योगी, महायोगी, योगीश्वर।
  • उदा.--1..अहोनिस कागा भुसुंड आराध, पढ़ै तौ नांम सदा प्रहळाद। जपै सुकदेव जिसा जोगेस, आदेस आदेस आदेस आदेस।--ह.र.
  • उदा.--2..इम सूरौ पति धरम इरादा जोगेसरां सिधां हूं जादा। लड़ै नचिंत लोह नह लागै, जिकौ सूरत तपसी सम जागै।--सू.प्र.
  • उदा.--3..रूप रेख बहु रंग, ध्यांन जोगेसर ध्यावै। अमर कोड़ तेतीस, प्रभु तौ पार न पावै।--ह.र.
6.योग के द्वारा सिद्धि प्राप्त किया हुआ योगी, बड़ा सिद्ध.
7.संन्यासी.
8.देखो 'जोगी' (मह., रू.भे.)
रू.भे.
जोगेसवर, जोगेसुर, जोगेस्वर।

जोगेंद्र  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
देखो 'जोगिंद्र' (रू.भे.)
  • उदा.--पारजीत जोगेंद्र थयौ गोरख अविनासी। पारजीत खट जती नाथ नव सिद्ध चौरासी।--पा.प्र.


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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