सं.स्त्री.
सं.
1.धातु खण्ड से निकला हुआ झनझनाहट का शब्द, झनकार।
- उदा.--सुणीजै अलंकार झंकार स्रूतां। हुवै नींद बिक्षेप ताकीद हूंतां।--मे.म.
2.भ्रमर, झींगुर आदि के बोलने की ध्वनि।
- उदा.--रितिराज प्रगटीऔ छै। वसंत आयौ छै। भमर, मधुकर झंकार करी रहिया छै।--रा.सा.सं.
रू.भे.
झणंक, झणंकार, झणकार, झनकार, झमकार, झमकारू।