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झिंगोर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.प्राय: खेतों, मैदानों और अंधेरे स्थानों में पाया जाने वाला एक प्रसिद्ध छोटा कीड़ा जो कई रंगों का होता है। यह तेज आवाज में झींझीं की ध्वनि निकालता है जो बरसात में अधिक सुनाई देती है, झींगुर, झिल्ली.
2.झींगुर या झिल्ली की आवाज।
  • उदा.--गहरौ गहकै है, डेडरा डहकै है, मोरां रौ सोर, झिल्ली रौ झिंगोर, वळै बोलै चातक, विरही जनां घातक।--र.हमीर
3.मस्ती में झूमने अथवा किलोल करने का भाव, मस्ती।
  • उदा.--1..जठै राज हंसां कळ हंसां री केळ है, बतक सर घिरट हंजा तरै है, सारसां रा टोळा झिंगोर करै है, छोटा मीन जिकै एक-एक रै लारै धावै है।--र.हमीर
  • उदा.--2..दादरा डरराट करै छै, मोरिया झिंगोर खायनै रह्या छै।--जखड़ा मुखड़ा भाटी री बात
  • उदा.--3..भंवरा ऊपर गुंजार कर रहिया छै। सारसां बोल रही छै। मयूर झिंगोर करै छै।--डाढाळा सूर री बात
रू.भे.
झिंगौर, झिगौर, झींगर, झींगोर, झींगौर, झीगोर, झीगौर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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