सं.स्त्री.
1.बकरी, अजा।
- उदा.--समझ तमाकू सूगली, कुत्तौ न खावै काग। ऊँट टाट खावै न आ, अपणौ जांण अभाग।--ऊ.का.
2.खोपड़ी, कपाल, शिर।
- उदा.--1..कंथा तूं कांई करै, हाय तमाखू हेत। टका एक री टाट में, दिन ऊगांई देत।--ऊ.का.
- उदा.--2..मूंड मुडायां तीन गुण, मिटी टाट की खाज। बाबा बाज्या जगत में, मिळयौ पेट भर नाज।--अज्ञात
- मुहावरा--1.टाट गंजी करणी--देखो 'टाट रा बाळ उडाणा।'
- मुहावरा--2.टाट गंजी होणी--देखो 'टाट रा बाळ उडणा'
- मुहावरा--3.टाट में खाज हालणी--मार खाने की इच्छा करना, ऐसा कार्य करना जिसमें मार खानी पड़े, सजा पाने का कार्य करना.
- मुहावरा--4.टाट में खाणी--मस्तक पर आघात होना, बहुत व्यय होना.अनावश्यक व्यय हो जाना, धोखा खाना, नुकसान उठाना.
- मुहावरा--5.टाट रा बाळ उडणा--खूब मार पड़ना, पास में कुछ नहीं रहना, बीमारी के कारण शिर के बाल झड़ जाना.
- मुहावरा--6.टाट रा बाळ उडाणा--मारते-मारते सिर में बाल न रहने देना, खूब पीटना।
- कहावत--टाट जींकै ठाट--जिसके सिर पर बाल नहीं होते अर्थात् टाट होती है उसका ठाट रहता है, गंजापन धनवान होने का चिह्न माना जाता है।
3.सिर का एक रोग जिसमें बाल उड़ जाते हैं, कई लोगों के इस रोग में फुंसियां भी हो जाती हैं.
4.सन या पटुए का बना हुआ मोटा कपड़ा। वि.--
2.मूर्ख, अयोग्य।
- उदा.--रांम भजन बिन खोदिया, अकल बिहूणी टाट। खट सासां की एक पल, घड़ी एक पल साठ।--सगरांमदास