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टीका-दौड़     यौ.  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
नये राजा के गद्दीनशीन होते ही विपक्षी देश पर हमला करने की एक रस्म।
वि.वि.--राजा गद्दीनशीन होकर किसी दुश्मन के शहर या इलाके को लूटे। अगर कोई बड़ा दुश्मन उस वक्त न हो तो मेवाड़ के महाराणा अपने ही देश के भील, मेर आदि के ग्रामों पर इस रीति को पूरा करते थे।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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