HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

ठाट  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.सजावट, रचना, श्रृंगार।
  • उदा.--सांझ पड़ै दिन आंथवै रे जला, खातण लावै खाट। कांहि हे करूं थारी खाट नै, म्हारै मारुड़ै विनां किसौ ठाट। जलौ म्हारी जोड़ रौ उदियापुर मालै रे।--लो.गी.
2.शान-शौकत।
  • उदा.--घड़ियौ घाट-सुघाट, नारायण निज कर निपुण। ठसकीला वो ठाट, जो किम भूलीजै 'जसा' ।--ऊ.का.
3.तड़क-भड़क, आडम्बर, दिखावट, धूम-धाम.
4.आराम, चैन.
5.आयोजन, तैयारी।
यौ.
ठाट-बाट।
6.सितार का तार.
7.समूह, झुण्ड।
  • उदा.--खुलै कपाटूं बिकट घाटूं पवन वाटूं थक्क ए। डुलै विराटूं सोक काटूं भक्त ठाटूं सक्क ए। खट मास मांई मिळै सांई अचळ पाई धांम ए।--करुणासागर
8.देखो 'थाट' (रू.भे.)
रू.भे.
ठाठ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची