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डूंगर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.तुंग
पहाड़, पर्वत (अ.मा.)
  • उदा.--परतख पग जळती पेखै नह पाई। डूंगर बळती नै देखै दुखदाई।--ऊ.का.
  • मुहावरा--1.एक ही डूंगरा रा मोरिया होणौ--एक ही पहाड़ में विचरण करने वाले मोर होना, एक स्थान पर रहने वाले, वे जिन्हें अपने निवास-स्थान की पूरी जानकारी हो, समान गुण वाले.
  • मुहावरा--2.डूंगर माथै छाया करणी--पहाड़ पर छाया करना, बड़े आदमी की मदद करना (असम्भव)
रू.भे.
डुंगर।
अल्पा.
डुगरि, डूंगरड़ी, डूंगरड़ौ, डूंगरियौ, डूंगरी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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