सं.स्त्री.
1.घोड़े, गधे, सूअर आदि पशुओं का भूमि पर लौटने के कारण बना हुआ चिह्न, लोट।
- उदा.--बीं ठांव आय पहलां तौ लोटिया, थकांण मिटाई, पाछै तुंड सूं जमी नरम कर थेह बणाई। इतरै बागवांन आयौ। पग दीठा जद पगां-पगां गयौ। देखै तौ बाराह लोटिया छै तिणरी डोकां छै।--डाढाळा सूर री बात
2.देखो 'डोकौ' (मह., रू.भे.)