सं.पु.
1.मौका, अवसर।
- उदा.--पीछे उठा सूं कांनौ वहीर हुवौ। सू सांगानेर आयौ। अरु रतनसीजी लूणकरणोत सांगैजी रा मांमा ठिकांणै माजन रा तिणां नूं कयौ, 'मांगैजी सूं म्हारौ मुजरौ करावौ।' तद रतनसीजी सांगैजी सूं कांनै रौ मुजरौ करायौ। सू हमै कांनौ सदा सांगैजी खनै आवै। अरु सांगैजी कांनै नूं नांनांणै रौ जांण अवरोसौ राखियौ नहीं। सू इण नूं आयै नूं दिन दोय हुवा है। पण ढब लागौ नहीं, नै तीजै दिन औ कमर में कटारी घाल सांगैजी खनै गयौ।--द.दा.
2.सहारा, मदद।
- उदा.--1..ढबां खेती ढबां न्याव, ढबां व्है बूढ़ां रौ ब्याव।
- उदा.--2..ढब ढूंढ़त ढ़ूंढ़ाड़।--अज्ञात
3.तरकीब, उपाय, युक्ति।
- उदा.--जवाहर जो ढब सूं नित रायजादां नै देखै। देखै ज्यौं डेरै नावां-गावां-सूं उमेखै।--केहर प्रकास
4.ढंग, रीति, तौर।
- उदा.--सफरी पकड़ण सांतरौ, बैठौ ढब बुगलांह। कथा बुरी करबा तणौ, चोखौ ढब चुगलांह।--बां.दा.
5.व्यवस्था, प्रबन्ध, इन्तजाम।
- उदा.--ऊंट च्यार री बारूद, ऊंट दोय रौ सीसौ, लोहौ बीकानेर सूं आपरै बळ ढब कर मंगाय लियौ।--भाटी सुंदरदास बीकूंपुरी री वारता
6.मेल, मेल-जोल। ज्यूं--औ कांम म्हूं कराय देसूं, वौ म्हारै ढब रौ आदमी है। क्रि.प्र.--करणौ, राखणौ, होणौ।
7.फाल्गुन मास में बजाया जाने वाला बकरी, भेड़, भेड़िया आदि के चमड़े से मढ़ा हुआ डफ।