अव्यय
सं.तत:, प्रा तओ, अप.तउ
पाद-पूरक अव्यय, तो।
- उदा.--वायस वीजउ नांम, ते आगळि लल्लउ ठवइ। जइ तूं हुई सुजांण, तउ तू वहिलउ मोकळै।--ढो.मा.
1.तो।
- उदा.--जउ तंइ रे देव दीधी हुंती पांखड़ी, तउ हूं ऊडी प्रभु जांत पासै।--स.कु.
2.तो भी।
- उदा.--जइ सूकी तउ वउलसिरी, त्रूटी तउ मोतीसरी।--व.स.
4.तब।
- उदा.--राउ पहतउ सरगलोकि गंगेय कुमारि। तउ लधु बंधवु ठविउ पाटि तिणि वयण विचारि।--पं.पं.च.वि.
- उदा.--1..मइं ओळखी तउं हव अंगु साति। भाजउं जिसिइं कौरव सैन्य वाति।--विराट पर्व
- उदा.--2..पदक प्रियुतउ हूं मोतिन माळा। हीरउ तउ हूं मूंदरड़ी रे बहिनी।--स.कु.
(सं.त्रीणि) तीन (जैन) सर्व.(सं.त्वम्) तूं, तुम, आप।