सं.पु.
1.तालाब, सरोवर।
- उदा.--तरां जड़ ऊपड़ै भरां सूकै तरंग।
3.एक शुभ रंग का घोड़ा विशेष.
4.ग्रंथ का अध्याय या विभाग विशेष। सं.स्त्री.--
5.हवा से पानी में आने वाला उछाल, लहर, हिलोर।
- उदा.--साजन खारा खांड सा, केसर जिसा कुरंग। मैला मोती सारसा, ओछा सिंधु तरंग।--अज्ञात
6.मन की मौज, उमंग।
- उदा.--आ वात सुणसी-सुणावसी ज्यांनै कंद्रप कौ फळ आछौ दरसावसी। इण में नवरस की तरंग निजर आवसी।--पनां वीरमदे री वात
- उदा.--2..भवसागर में नवसै नदियां, उलट वाही में जाही। दुख सुख तरंग उठै बहुतेरी, तीन लोक दुख पाही।--स्री हरिरांमजी महाराज
- मुहावरा--तरंग आणी--उमंग उठना, मौज मनाना, सनक आना।
7.संगीत की स्वर-लहरी, स्वरों का उतार-चढ़ाव.
8.हाथ में पहिनने की एक प्रकार की चूड़ी जो सोने के तार को उमेठ कर बनाई जाती है।
पर्याय.--इलोळ, उझळ, उझल्ल, उझेल, उतकलिका, उरमी, उळधी, किलोळ, कावळी, छौळ बेक, बेळ, भंग, भ्रमर, लहर, लहरी, वेळा, बेळावळ, हिलोळ। क्रि.प्र.--ऊठणी।