सं.पु.
1.ऊँट के पांव द्वारा उत्पन्न ध्वनि विशेष।
2.देखो 'तिलक' (रू.भे.)
- उदा.--सुरह दुज देव तीरथ निगम सासतर। जनेऊ तलक तुळसी नरंजण जाय।--महाराजा जसवंतसिंघ प्रथम रौ गीत
3.इच्छा, चाह। क्रि.वि.--तक, पर्यन्त।
- उदा.--स्रावण री तीज सूं लगाय भादौं में जन्मास्टमी तलक बाहर ही नहीं नीसरणै पावै।--कुंवरसी सांखला री वारता