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तलक  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.ऊँट के पांव द्वारा उत्पन्न ध्वनि विशेष।
2.देखो 'तिलक' (रू.भे.)
  • उदा.--सुरह दुज देव तीरथ निगम सासतर। जनेऊ तलक तुळसी नरंजण जाय।--महाराजा जसवंतसिंघ प्रथम रौ गीत
3.इच्छा, चाह। क्रि.वि.--तक, पर्यन्त।
  • उदा.--स्रावण री तीज सूं लगाय भादौं में जन्मास्टमी तलक बाहर ही नहीं नीसरणै पावै।--कुंवरसी सांखला री वारता
स्त्री.--


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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