वि.
फा.
1.विस्मित, चकित, आश्चर्यान्वित।
- उदा.--सिवरी मत भंग भयौ जिण सेती, खार हुवौ जळ गंग खरौ। कहियौ रिख दंग कहा अब कीजियै, ढंग न कौ हरि अंग धरो।--भगतमाळ,
1.घबराहट, भय। सं.स्त्री.(देश)
2.चिनगारी, अग्नि-कण।
- उदा.--इक राह चाह लागौ असुर, निर सहाय प्राकार नव। 'अवरंग' प्रथी पर उलटियौ, दंग प्रगट्ट्यौ जांण दव।--रा.रू.
3.देखो 'दंगौ' (मह., रू.भे.)
क्रि.प्र.--रैणौ, होणौ। सं.पु.--