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दलाल  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.दल्लाल
1.वह व्यक्ति जो किसी वस्तु के विनिमय अर्थात क्रय या विक्रय में सहायता दे, मध्यस्थ।
  • उदा.--अे दलाल अे खुड़दिया, हुंडी वाळ बजाज। अे हिज करै पसारटौ, केवल धन रै काज।--बां.दा.
2.वह व्यक्ति जो किसी कार्य को सिद्धि के लिये दो पक्षों के बीच मध्यस्थता करता है या सहायता देता है। वि.वि.--दलाल अपने लिये आर्थिक लाभ के उद्देश्य से मध्यस्थता करता है। वि.--विशाल हृदय, उदार।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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