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दिल  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
फा.
हृदय, चित्त, मन, जी (डिं.को.)
  • उदा.--1..विपळ सत सधण नवीन रा, अत गाय दुज आधीन रा। भुज दहण खळ जस भीन रा, दिल महण बंधव दीन रा।--र.ज.प्र.
  • उदा.--2..आळसवां अज्जांणवां, दिल--खोटंता दूर। साहिब सोचां साधवां, है हाजरां हजूर।--ह.र.
  • उदा.--3..दिल साफ रखे निज दोस दहै।--ऊ.का.
  • मुहावरा--1.दिल उचकणौ--देखो 'जीव उचकणौ'.
  • मुहावरा--2.दिल उमड़णौ--देखो 'जीव भरीजणौ'.
  • मुहावरा--3.दिल ऊठणौ--देखो 'जीव ऊठणौ'.
  • मुहावरा--4.दिल काठौ करणौ--धैर्य धारण करना, कृपणता करना, कंजूसी करना.
  • मुहावरा--5.दिल खाटौ करणौ--देखो 'जीव खाटौ करणौ'.
  • मुहावरा--6.दिल खाटौ पड़णौ (होणौ)--देखो 'जीव खाटौ पड़णौ, जीव खाटौ होणौ'.
  • मुहावरा--7.दिल खिलणौ--प्रसन्नता होना.
  • मुहावरा--8.दिल खुलणौ--देखो 'जीव खुलणौ'.
  • मुहावरा--9.दिल खोल नै--देखो 'जीव खोल नै'.
  • मुहावरा--10.दिल चालणौ--देखो 'जीव चालणौ'.
  • मुहावरा--11.दिल चुराणौ--देखो 'जीव चुराणौ'.
  • मुहावरा--12.दिल जांन सूं--देखो 'दिलो जांन सूं'.
  • मुहावरा--13.दिल टूटणौ--देखो 'जीव टूटणौ'.
  • मुहावरा--14.दिल ठिकांणै रैणौ (होणौ)--देखो 'जीव ठा' माथै रैणौ'.
  • मुहावरा--15.दिल थांमणौ--धैर्य धारण करना.
  • मुहावरा--16.दिल दुखाणौ--देखो 'जीव दुखाणौ'.
  • मुहावरा--17.दिल दूखणौ--देखो 'जीव दुखणौ'.
  • मुहावरा--18.दिल धड़कणौ--देखो 'जीव धड़कणौ.
  • मुहावरा--19.दिल पसीजणौ--चित्त में दया का उद्रेक होना.
  • मुहावरा--20.दिल फाटणौ--देखो 'जीव फाटणौ'.
  • मुहावरा--21.दिल फिरणौ--देखो 'जीव फिर जाणौ', देखो 'जीव फिरणौ'.
  • मुहावरा--22.दिल फीकौ पड़णौ (होणौ)--देखो 'जीव फीकौ पड़णौ'.
  • मुहावरा--23.दिल बडाणौ (बढ़ाणौ)--उत्साहित करना.
  • मुहावरा--24.दिल बहलणौ--देखो 'मन बहलणौ'.
  • मुहावरा--25.दिल बहलाणौ--देखो 'मन बहलाणौ'.
  • मुहावरा--26.दिल बैठणौ--व्याकुल होना, भयभीत होना.
  • मुहावरा--27.दिल भटकणौ--चित्त में स्थिरता नही होना.मन अस्थिर होना.
  • मुहावरा--28.दिल मिळणौ--देखो 'मन मिळणौ'.
  • मुहावरा--29.दिल में आणी--देखो 'जीव में आणी'.
  • मुहावरा--30.दिल में घर करणौ--विश्वास--पात्र होना.
  • मुहावरा--31.दिल चुभणौ--देखो 'जीव में चुभणौ'.
  • मुहावरा--32.दिल में जागा करणी--देखो 'दिल में घर करणौ'.
  • मुहावरा--33.दिल दरियाव--बहुत उदार.
  • मुहावरा--34.दिल में राखणौ--देखो 'जीव में राखणौ'.
  • मुहावरा--35.दिल रा दरवाजा खुलणा--साहसी होना.
  • मुहावरा--36.दिल रौ दलाल--देखो 'दिल रौ बादसाह'.
  • मुहावरा--37.दिल रौ बादसाह--बहुत बड़ा उदार, मनमौजी, लहरी.
  • मुहावरा--38.दिल ललचाणौ--देखो 'जीव ललचाणौ'.
  • मुहावरा--39.दिल लागणौ--देखो 'मन लागणौ'.
  • मुहावरा--40.दिल वधणौ--देखो 'जीव वधणौ'.
  • मुहावरा--41.दिल साफ कसूर माफ--चित्त शुद्धि ही सब से महत्वपूर्ण है.
  • मुहावरा--42.दिल सूं (से)--देखो 'जीव सूं'.
  • मुहावरा--43.दिलो जांन सूं--पूर्ण रूप से, सच्चे मन से।
2.कलेजा.
3.प्रवृत्ति, इच्छा।
  • उदा.--दिल आवै ज्यूं कीजौ दुरस।--वी.मा.
  • मुहावरा--दिल आणौ--किसी की ओर प्रवृत्त होना, मोहित होना, इच्छा होना, अभिलाषा होना।
रू.भे.
दल।
अल्पा.
दिलड़ौ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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