सं.पु.
सं.देवालय
1.मंदिर, देवालय।
- उदा.--1..पड़्या पग देवल थंभ प्रमांण, न केवल पिंड अद्रां अहनांण। गुड़्या गज ग्राव गुड़ावत गोड़, घणां सहि घाव पड़्या कइ घोड़।--मे.म.
- उदा.--2..प्रीतम प्रांणिया तूं देवळि बैठौ आय, निज देवळ खोज्यौ नहीं, तौ जासी जन्म ठगाय।--ह.पु.वा.
2.किसी मृतक की स्मृति में बनाया गया स्मृति-भवन.
3.परिहार (प्रतिहार) राजपूत वंश की एक शाखा या इस शाखा का व्यक्ति।
- उदा.--देवल काबा मनि डरै, बोड़ा भड़ बालोत।--गु.रू.बं.
4.देवल ऋषि की संतान। सं.स्त्री.--
5.सिंढ़ाय गोत्र के चारण भल्ला की पुत्री देवलबाई जिसे देवी का अवतार माना जाता है.
6.हरि-भक्त चारण आणंद मीसण की पुत्री जो देवी का अवतार मानी जाती है। वि.वि.--इस देवी की गायों की रक्षा के निमित्त वीर पाबू राठौड़ जिंदराव खीची से युद्ध करता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ।
7.देखो 'देवळी' (मह., रू.भे.)
- उदा.--नहिं देवळ सूं वैरता, नहिं देवळ सूं प्रीति। 'किरतम' तजि गोविंद भजै, यह साधां की रीति।--ह.पु.वा.
पर्याप्त--चैत, थांनअनाद, द्रुंमग्रह, धजधर धांमहर, प्रासाद, मंडप, विहार, सुरमंडप।