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दैंत, दैत्य  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
देखो 'दैत्य' (रू.भे.) (डिं.को.)
  • उदा.--1..चंलै राजकुमार पिता चौ, सासण पाय सहल्लै। रांवण सहुत घणां खळ राखस, दारुण दैंत दहल्लै।--रा.रू.
  • उदा.--2..भूप रघुबर, सझत धनु सर। जूझ मंडै, दैंत दंडै।--र.ज.प्र.

दैत्य  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.
1.कश्यप के वे पुत्र जो दिति नामक स्त्री से पैदा हुए, असुर। पर्याय.--अदेव, असुर, उच्चातुर, करबुर, कोणप, जवन, जातधांन, तमचर, दतीसुत, दनुज, दांणव, देवानुज, नइति, नरखयकार, निकसासुत, निसाचर, पूरबदेव, मेछ, राकस, रात्रिबळ, संझाबळ, सुक्रसिस, सुरबंधु, सुररिप।
2.असाधारण बल वा लम्बे डील--डौल का मनुष्य.
3.दुराचारी, दुष्ट या नीच व्यक्ति।
रू.भे.
दइत, दइत्त, दईत, दयंत, दयत, दैंत, दैत्य, दैत। मह.--दइत्यंद्र, दईतद्र, देतर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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