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धनि
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
1.देखो 'धन्य' (रू.भे.)
उदा.--
1..मांरवणी इम वीनवइ,
धनि
आजूणी राति। गाहा गूढ़ा--गीत--गुण, कहि का नवली वाति।--ढो.मा.
उदा.--
2..सु धन्य माता कौसल्या, तात दसरथ
धनि
भूपति। अवधि पूरि धनि जवनि, प्रिया धनि सीत तास पति।
2.देखो 'धनी' (रू.भे.)
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
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