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नगारची  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
फा.नक्कार+रा.प्र.ची
1.राजा, सामन्त आदि धनाढ्‌यों के यहाँ नगाड़ा बजाने वाला।
  • उदा.--1..'निजरु' अनै 'करीम' बिन्है पड़दार वहादर। नगारची 'नाहरौ' हाक करी औरै हैमर।
  • उदा.--2..विचित्र कुंवर रौ नगारचौ, वाजदार बैठा ठावका उवां रा गुण सुण लजाय बैठा। भली--भांति भुंजाई जीमिया।--पलक दरियाव री बात
2.एक जाति विशेष, जिसके व्यक्ति नगाड़ा या नौबत बजाने का कार्य करते हैं।
  • उदा.--डूंगसीह रण घावां अरोड़ महावीर पड़ रांण असुर मोड़। सिंधिया थाट हतखेत साज, पाड़ियौ खेत नगारची बाज।--शि.सु.रू.
रू.भे.
नंगारची, नकारची, नक्कारची, नगारी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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