सं.पु.
सं.
1.पुरुष, मर्द, आदमी.
2.नारायण के भाई और ईश्वर के अंशावतार, माने जाने वाले एक पौराणिक ऋषि जो धर्मराज और दक्ष प्रजापति की कन्या से उत्पन्न हुए थे.
5.अर्जुन, पार्थ (अ.मा., डिं.को.)
- उदा.--नमौ नर संदण हांकणहार, सबै दळ कौरव करण संहार।--ह.र.
7.राजा सुधृति के पुत्र का नाम.
8.गय राक्षस के पुत्र का नाम.
10.एक राजपूत वंश (कां.दे.प्र.)
11.18 लघु और 15 गुरु कुल 33 वर्ण या 48 मात्रा का दोहा नामक छंद विशेष (र.ज.प्र.)
12.छप्पय छंद का 63 वां भेद जिसमें 8 गुरु और 136 लघु से 144 वर्ण या 152 मात्राएं होती हैं (र.ज.प्र.)
13.आर्या गीति या खंधाण (स्कंधक) का एक भेद विशेष (पिंगळ प्रकास) वि.--
1.जो (प्राणी) पुरुष जाति का हो, मादा का उल्टा.
2.वीर, योद्धा।
- उदा.--ऊकळता बूकौ मती, है नह कोतक हास। नाहर सूं लड़णौ नरां, पड़णौ सो जम पास।--बां.दा.