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नरवर, नरवरु
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.नर+वर:दूल्हा, पति
राजा, नरेश (डिं.नां.मा.) वि.--नरों में श्रेष्ठ।
उदा.--
1..चतुरमुख चतुरवरण चतुरातमक, विग्य चतुर जुग विधायक। सरव जीव विस्वक्रित व्रह्म सूं,
नरवर
हंस देहनायक।--वेलि.
उदा.--
2..नयरु अच्छइ नयरु अच्छइ रयणउरु नांमि। रयणसिहरु
नरवरु
वसइ तासु गेहि एहा बाळ जाईय।--पं.पं.च.
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
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