वि.
फ़ा.ना+अ.राज़
अप्रसन्न, नाखुश, खफा। सं.स्त्री.(सं.नाराच)
1.तलवार (डिं.को.)।
- उदा.--1..किसन घड़ा खग झाड़ि करि, धारां धोपट्टी। नाराजां वग्गौ निंहाव, उस्सीस अघट्टी।
- उदा.--2..ग्रहि छळ 'अरजण' गौड़, परठि मनवार अपारां। नजर टाळि न राज, वहै घट हुवौ विहारां।--सू.प्र.
- उदा.--3..फुंकार अहेस, हरी चंदणा पयोध फैण, माहेस त्रिनैण इंद्र जुन्हाई समाथ। गिरवांणां सहाई मनोज धेनु ग्यांन गोभा, नाराज, वरीस, सोभा इसी प्रथीनाथ।--र.रू.
रू.भे.
नराज, नाराजक, नाराजी।