सं.पु.
सं.नखर: या नाखर:
1.सिंह, शेर। (अ.मा., डिं.को., उ.र.) (स्त्री.नाहरी)
- उदा.--1..वन थाहर नाहर वसै, वाहर थाट विडार। तरवर गुलम समीर विण, न को नमावणहार।--बां.दा.
- उदा.--2..रावळ साथ कटक राजा रौ, ढूकां ले रजढ़ांणी। पाखरियां नाहर गढ़ पैठौ, मार हत्थौ 'मुकनांणी'।--आवड़दांन लाळस
4.योद्धा, वीर।
- उदा.--तारां रावळजी कह्यौ-हां म्हारी नाहर, भलौ वेगौ कह्यौ।--वीरमदे सोनगरा री वात
5.शरद् ऋतु में होने वाला मक्खी से कुछ बड़ा उड़ने वाला कीड़ा जो मक्खियों को मारता है। वि.--दुष्ट, आततायी।
- उदा.--नाहरां नूं करै जेर, जाहरा विनोद दैणी। परचा दोय राहरां नूं, देर लैणी पेस। दिल्ली-ईस जिसा फेर नरां नूं उथाप दैणी। दीनानाथ सैणी, वीस करां नूं आदेस।--नवलजी लाळस
रू.भे.
नाअर, ना'र, नाहरू, न्हार।
अल्पा.
ना'रडौ, ना'रियौ, नाहरौ, न्यारियौ, न्हारियौ।