सं.स्त्री.
सं.निद्रा
1.जामाता को गाया जाने वाला गीत।
2.देखो 'निद्रा' (रू.भे.)
- उदा.--2..अळगौ ही उर में बसै, नींद न आवण देह। ससि वदनी रौ साहिबौ, कै दोयण असनेह।--बां.दा.
- उदा.--3..सूतौ थाहर नींद सुख, सादूळौ बळवंत। वन कांठै मारग वहै, पग पग हौल पड़ंत।--बां.दा.
- मुहावरा--1.नींद आणी--निद्रा के वशीभूत होना, निद्रित होना।
- मुहावरा--2.नींद उचटणी--नींद का दूर होना ।
- मुहावरा--3.नींद उडणी--जग जाना, निद्रा दूर होना।
- मुहावरा--4.नींद खराब करणी--सोने में बाधा डालना, सोने में हर्ज करना।
- मुहावरा--5.नींद खराब होणी--नींद में बाधा पहुंचना, नींद का हर्ज होना।
- मुहावरा--6.नींद खुलणी--निद्रा का दूर होना, जग जाना, सो कर उठना।
- मुहावरा--7.नींद टूटणी--जग जाना, निद्रा का दूर होना, नींद छूटना।
- मुहावरा--8.नींद न पड़णी--नींद न आना, न सो सकना।
- मुहावरा--9.नींद में विघन पटकणौ--नींद में बाधा डालना, नींद खराब करना।
- मुहावरा--10.नींद में विघन पड़णौ--नींद में बाधा पहुंचना, नींद खराब होना।
- मुहावरा--11.नींद रौ कुंभकरण--वह जिसे नींद बहुत आती हो, अत्यधिक सोने वाला।
- मुहावरा--12.नींद रौ दुखियारौ--हमेशा सोने के लिए इच्छुक रहने वाला, अधिक सोने वाला।
- मुहावरा--13.नींद लैणी--निद्रा के वशीभूत होना, नींद लेना, सोना।
- मुहावरा--14.नींद हरांम करणी--नींद न लेने देना, सोना छुड़ा देना।
- मुहावरा--15.नींद हरांम होणी--नींद में बाधा पहुँचना, सोने का मौका न मिलना, सोना छूट जाना।