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नींव
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.नेमि, प्रा.नेइ
1.दीवार उठाने के लिए गहरी नाली के रूप में खुदा हुआ गड्ढ़ा जिसके भीतर से दीवार की जोड़ाई आरम्भ होती है। ज्यूं--अठै कोलेज वणैला, नींवा खुदण लागगी है। क्रि.प्र.--खुदणी, खोदणी, भरणी।
मुहावरा--
1.नींव दैणी--दीवार बनाने के लिए गहरी नाली खोद कर स्थान बनाना। दीवार की मूल जमाने के लिए भूमि खोदना। मकान बनाने का प्रारम्भ करना। आरम्भ करना। सामान तैयार करना। उपक्रम करना। आधार खड़ा करना।
मुहावरा--
2.नींव भरणी--पत्थर, कंकड़ आदि से दीवार उठाने के लिए गहरे किए हुए स्थान को पाटना।
2.वह मूल भित्ति जो दीवार के लिए गहरे किए हुए स्थान में ईंट, पत्थर, मिट्टी आदि जोड़ कर या जमा कर ऊपर उठाई जाती है, दीवार का आधार व जड़।
उदा.--
कांतिधर सेठ एक नवौ मंदिर बणावै सो पुस्य नक्षत्र रविवार नुं वैंरी नींव लगाई।--सिंघासण बत्तीसी
मुहावरा--
1.नींव जमाणी, नींव डाळणी, नींव दैणी--दीवार की जड़ जमाना, ईंट पत्थर आदि से नींव के गड्ढ़े को पाट कर दीवार के लिए आधार उठाना, स्थापित करना, स्थिर करना, आधार दृढ़ करना, गर्भ ठहराना, बुनियाद डालना, सूत्रपात करना, आरम्भ करना।
मुहावरा--
2.नींव पड़णी--मकान बनना आरम्भा होना, दीवार के लिए आधार बनाना, जड़ी खड़ी होना, आरम्भ होना, सूत्रपात होना, जमना।
मुहावरा--
3.नींव रौ भाटौ--मकान बनाने के आरम्भ में पहले-पहल नींव में रखा जाने वाला पत्थर, दृढ़ आधार।
मुहावरा--
4.नींव लगाणी--देखो 'नींव जमाणी, डाळणी, पड़णी'।
मुहावरा--
5.नींव लागणी--देखो 'नींव पड़णी'।
6.आधार, स्थिति।
7.जड़, मूल।
रू.भे.
नींम, नीम, नींव, नीव।
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
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