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नील  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.नीलिका
1.एक पौधा जिससे नीला रंग निकाला जाता है। (अमरत)
  • उदा.--चुगलां जीभ न चालही, पर-उपगार प्रसंग। नह नीपजही नील सूं, राजहंस रौ रंग।--बां.दा.
2.नीला रंग।
3.लांछन, कलंक।
4.राम की सेना का एक प्रसिद्ध बंदर।
  • उदा.--1..सुखेणां नळं नील सुग्रीव साथां। हणूं आदि आए मिळै जोड़ि हाथां।--सू.प्र.
  • उदा.--2..सत्र हणै बळ समराथ रा, रिण लड़ै भड़ रुघनाथ रा। तदि लखण अंगद सुग्रीव हणवंत नील नळ नरनाह।--सू.प्र.
5.पवन (ह.नां., अ.मा.)
6.इलावर्त्त खंड का एक पर्वत।
7.मुंगल-घोष।
8.एक प्रकार का घोड़ा।
  • उदा.--अरब छइ जे घोडां हेरंमा हरी अडा नील नीलडा कालूंआ काजळा किहाडा कोसीरा।--व.स.
9.एक नाग का नाम।
10.नृत्य के 108 करणों में से एक।
11.दस हजार अरब की संख्या।
12.एक प्रकार का सरकारी कर।
13.एक प्रकार का फल।
14.महिष्मती के एक राजा का नाम (डिं.को.)
15.विष, जहर ।
16.एक यम का नाम।
17.आर्या गीति या खंधांण (स्कन्धक) का भेद विशेष (पिं.प्र.)
18.प्रत्येक चरण में पांच भगण और अंत में गुरु वर्ण से 16 वर्ण का वर्णिक वृत्त विशेष (पिं.प्र.) सं.स्त्री.--
19.मकान पर वर्षा के पानी के कारण दिखाई देने वाली कालिमा या जमने वाली काली पपड़ी।
  • उदा.--ठिकांणां रौ मकानं बड़ौ लंबौ-चोड़ौ अर बाबा आदम रै जमांना रौ बण्योड़ौ हो। बरसात में सालोसाल नील जम जम नै धवळा माळिया काळा भरंग पड़ग्या हा।--रातवासौ
20.पानी के ऊपर जमने वाली काई।
21.धोने के पश्चात्‌ सफेद कपड़ों पर चढ़ाया जाने वाला हल्का आसमानी रंग जिससे कपड़ों की सुंदरता बढ़ती है। क्रि.प्र.--दैणी, लगाणी।
22.नीलाई, नीलापन।
  • उदा.--छच्छ मास छाकियां, हुवा डाकियां हठीलां। प्रचंड नील जमि पीठ, निलै त्रसळै जमि नीलां। सघण गाज जिम सुणै, गज मद मसत गयंदा। सादूळौ सिर पटकि, मरै संगार मयंदां।--सू.प्र.
23.शरीर पर चोट के मारण पड़ने वाला नीले या काले रंग का दाग। क्रि.प्र.--पड़णी।
24.नव-निधियों में से एक (डिं.को.)
25.इंद्र नील मणि, नीलम।
26.काले रंग के स्तनों वाली गाय। वि.--
1.नीले रंग का, आसमानी।
रू.भे.
निलि, लील।
(सं.)
क्रि.प्र.--आणी, जमणी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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